बृहस्पतिदेव की कथा जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥ जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥ पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥ देवो के https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa